Close Menu
New Agenda
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    NEW AGENDA
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • लाइफ स्टाइल
    NEW AGENDA
    Home»धर्म»राजस्थान में भी है सोमनाथ मंदिर, यहां भी हुआ था महमूद गजनवी और अलाउद्दीन खिलजी का हमला
    धर्म

    राजस्थान में भी है सोमनाथ मंदिर, यहां भी हुआ था महमूद गजनवी और अलाउद्दीन खिलजी का हमला

    By July 10, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    राजस्थान में भी है सोमनाथ मंदिर, यहां भी हुआ था महमूद गजनवी और अलाउद्दीन खिलजी का हमला
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    पाली. सावन आने को है. शिव की आराधना का पर्व सावन मास में पूरे देश के शिवालयों में भक्ति की गंगा बहती है. हम आपको पाली के उस प्राचीन ऐतिहासिक शिव मंदिर के बारे में बताते हैं जिसका सीधा संबंध गुजरात में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से है. मंदिर के अद्भुत स्थापत्य के आधार पर इतिहासकारों और पुरातत्व विशेषज्ञों का कहना है इसका निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया. अतीत में इसका नाम सोमेश्वर था.

    गुजरात में स्थित प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर के बारे में तो हम में से ज्यादातर लोग जानते हैं. महमूद गजनवी के 17 आक्रमण झेल चुके इस मंदिर की कहानी लंबी है. गुजरात के सोमनाथ मंदिर की तरह ही पाली में भी महादेव जी का एक मंदिर है जो आज से 1121 वर्ष पुराना है. लोग इसे चमत्कारी मानते हैं. मंदिर में पिछले 221 वर्षों से देशी घी की अखंड ज्योत प्रज्जवलित हो रही है. इस मंदिर पर भी कई विदेशी शासकों के आक्रमण हुए हैं. मंदिर की मूर्तियों को खंडित किया गया. जो आज भी दिखाई देती हैं. लेकिन उसके बाद भी यह मंदिर अपने वैभव के साथ खड़ा है. श्रावण माह में यहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगती हैं.

    सोमनाथ मंदिर से पाली पहुंचा था शिवलिंग
    इस मंदिर की स्थापना से जुड़ी कहानी कहती है कि गुजरात जा रहे महमूद गजनवी ने रास्ते में वैभव सम्पन्न पाली को लूटते हुए सोमेश्वर (सोमनाथ) मंदिर में तोड़-फोड़ की. मूर्तियां और शिवलिंग भी खंडित कर आगे गुजरात की तरफ बढ़ गया. ये समाचार पाकर सौराष्ट्र सोमनाथ मंदिर पर महमूद गजनवी के हमले की आशंका को देखते हुए गुजरात के राजा कुमारपाल रथ में शिवलिंग लेकर पाली पहुंचे और यहां के पल्लीवाल ब्राह्मणों को सौंप दिया. तब वो शिवलिंग भी यहां स्थापित किया गया.

    सैनिकों ने मशाल की रोशनी में किया जीर्णोद्वार
    पाली के ध्वस्त सोमेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार कुमारपाल ने वर्ष 1140 में शुरू करवाया था. यह कहा जाता है उस समय रात-दिन निर्माण कार्य चला. सैनिकों ने तेल की घाणी कर मशालें जलाईं और काम पूरा करवाया. यही सैनिक आगे चलकर घांची कहलाएं. जो आज भी सोमनाथ महादेव को अपना इष्ट देव मानते हैं. वर्ष 1152 में सौराष्ट्र से लाया गया शिवलिंग इस मंदिर में वैशाख शुक्ल 4, संवत 1209 को प्रतिष्ठित किया और इसका नाम भी सोमनाथ महादेव रखा गया. आज भी इस मंदिर में अखंड ज्योत जल रही है.

    मंदिर पर बार बार हुए आक्रमण
    अलाउद्दीन खिलजी ने भी सन 1298 में गुजरात जाते समय सोमनाथ महादेव मंदिर के शिखर पर तोप का गोला दाग क्षतिग्रस्त कर दिया था. वर्ष 1315 में रावसिंहा के कार्यकाल में पालीवाल ब्राह्मणों ने मंदिर का जीर्णोद्वार करवाया और मंदिर का शिखर फिर से बनवाया. उसके बाद वर्ष 1330 में नसीरूद्दीन ने पाली पर हमला कर दिया. मंदिर को बचाने के लिए पल्लीवाल ब्राह्मणों को उसे धन देना पड़ा. वर्ष 1349 में फिरोजशाह जलालुद्दीन ने पाली को लूटा और सोमनाथ मंदिर में दो छोटी मिनारें बनवा दीं. इसके अवशेष 1947 के बाद नष्ट कर दिए गए.

    पल्ली-नाथ और रावल सम्प्रदाय ने संभाली व्यवस्था
    इस बीच पल्लीवाल ब्राह्मण यहां से पलायन कर गए. उनके जाने के बाद वर्ष 1350 में नाथ सम्प्रदाय ने मंदिर की व्यवस्था संभाली. वर्ष 1600 में नाथ सम्प्रदाय के महंत भोलानाथ ने पूजा व्यवस्था रावल ब्राह्मण परिवार को सौंपी और समाधि ले ली. वर्ष 1970 में राजस्थान के देवस्थान विभाग ने मंदिर की व्यवस्था का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया. सोमनाथ महादेव मंदिर में सन 1800 में घी की अखंड ज्योत शुरू की गई थी जो आज भी प्रज्जवलित है.

    मन मोह लेगा यह मंदिर
    पाली के इस सोमनाथ महादेव मंदिर की छटा निराली है. मंदिर पहुंचेंगे तो यहां मनमोहक तस्वीरें दिखाई देंगी. मंदिर का सभागृह 16 आकर्षक कलात्मक खंभों पर टिका है. सभा मंडल की छत पर रास करती गोपियां और कृष्ण की प्रतिमाएं हैं. मंदिर पर नृत्य मुद्राओं वाली काफी प्रतिमाएं हैं. मंदिर के शिखर और अन्य जगह पर बनी मूर्तियों में तीक्ष कटिका, नृत्यु मुद्रा, पीन पयोदर, नुकीली नासिका, गठीली मांसल त्वचा पर अलंकरण और आभूषण तीरछे नैन, टेढ़ी भौंहे, हंसमुख चेहरा, लहराते टेढ़े मेढ़े वस्त्र दिखते हैं. गर्भगृह में शिवलिंग के साथ पार्वती और गणपति की प्राचीन प्रतिमाएं हैं. यहां प्रतिदिन बडी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
     

    शेयर करें :-

    • Click to share on Facebook (Opens in new window)
    • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
    • Click to share on X (Opens in new window)
    • Click to share on Telegram (Opens in new window)

    Related Posts

    15 जुलाई मंगलवार 2025, सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य

    July 14, 2025

    धीरे-धीरे जुड़ेगा टूटा रिश्ता, इसे ऐसे संभालें…

    July 14, 2025

    14 सोमवार 2025, सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य

    July 13, 2025

    सावन के पहले सोमवार पर भद्रा का साया, इस समय भूलकर भी न करें शिव पूजा

    July 13, 2025

    शाम के ये 5 काम बना सकते हैं आपकी किस्मत, आज़माकर देखिए फर्क!

    July 13, 2025

    घर में रखें मोर पंख, हर दिन होगी धनवर्षा

    July 13, 2025
    Add A Comment

    Leave A Reply Cancel Reply

    विज्ञापन
    विज्ञापन
    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    MP Info RSS Feed
    अन्य ख़बरें

    15 जुलाई मंगलवार 2025, सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य

    July 14, 2025

    AI क्रैश रिपोर्ट पर भड़के मारे गए लोगों के परिजन, पायलट पर ठीकरा फोड़ रहे

    July 14, 2025

    सिमी को नहीं मिली राहत, प्रतिबंध के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज

    July 14, 2025

    रंगभेद का दर्द: फेमस मॉडल ने तानों से परेशान होकर की आत्महत्या

    July 14, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक -दीपेन्द्र पाढ़ी
    मोबाइल -9329352235
    ईमेल -newagendaeditor@gmail.com
    मध्य प्रदेश कार्यालय -वार्ड क्रमांक 06, मोहगांव बिरसा, मोहगांव जिला-बालाघाट (म.प्र.)
    छत्तीसगढ़ कार्यालय-D 13, प्रियदर्शनी नगर के पास, पचपेड़ी नाका, रायपुर (छत्तीसगढ़)
    July 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    28293031  
    « Jun    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.