नई दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा शहरों में पानी की निकासी को बेहतर बनाने के लिए 25000 करोड रुपए की राशि पिछले 10 वर्षों में खर्च की है। इसके बाद भी साल दर साल बारिश में शहरों में बाढ़ के दृश्य देखना बड़ा आम हो गया है। बारिश के दौरान हर शहर में पानी भरता है। जिसके कारण शहरों में जन सामान्य को सुरक्षित बनाने के लिए जिला प्रशासन को हाय तौबा करनी पड़ती है। जल प्लावन के कारण भारी नुकसान होता है।
संसद के बजट सत्र में शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने,देश के ड्रेनेज सिस्टम को लेकर उसमें सुधार के लिए केंद्र सरकार द्वारा जो राशि जारी की गई है। उसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि अभी शहरों के ड्रेनेज सिस्टम 1 घंटे में आधा इंच की बारिश के हिसाब से बने हुए हैं। शहरी क्षेत्र में जब इससे अधिक बारिश होती है। तभी शहरों में जल प्लावन की स्थिति बनती है।उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, वर्तमान ड्रेनेज सिस्टम में इतनी बारिश झेलने की क्षमता नहीं है।
उल्लेखनीय है,इस साल बारिश में 100 से अधिक शहरों में जल प्लावन की स्थिति बनी।दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद। चेन्नई, बेंगलुरु महानगर मे जल प्लावन के कारण बाढ़ जैसी स्थिति देखने को मिली। केंद्रीय शहरी मंत्री ने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार ने, सांसदों से इस समस्या से निपटने के लिए सुझाव मांगे हैं। सुझाव मिलने के बाद सरकार नई योजना तैयार कर उसे लागू करावेगी।
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