सऊदी अरब
दुनिया भर में पेट्रोल और डीजल के विकल्प तलाशे जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन तेजी से बढ़ा है। इसके चलते तेल के भरोसे ही अमीर बने सऊदी अरब जैसे मुल्कों के आगे संकट पैदा हो गया है। इसी के चलते सऊदी अरब ने तो 'विजन 2030' लॉन्च किया है। इसके तहत सऊदी अरब पहले ही दूसरे सेक्टर्स में बड़ा निवेश कर रहा है ताकि तेल से इतर भी कमाई की जा सके। इसी के तहत सऊदी अरब ताबुक शहर के पास एक अलग ही सिटी बसा रहा है। यह शहर अमेरिका के न्यूय़ॉर्क से भी 33 गुना बड़ा होगा, जिसे निमो नाम दिया गया है।
इस शहर को तैयार करने का काम शुरू हो गया है और जमीन अधिग्रहण तेजी से चल रहा है। यही नहीं जमीन अधिग्रहण का विरोध करने वालों के खिलाफ सऊदी प्रशासन ने सख्त ऐक्शन का फैसला लिया है। यहां तक कि अथॉरिटीज को आदेश दिया गया है कि यदि कोई जमीन अधिग्रहण का विरोध करता है तो उससे सख्ती दिखाई जाए। यदि प्रदर्शन उग्र हो तो फिर हत्या तक करने की परमिशन दी गई है। बीबीसी ने एक पूर्व खुफिया अधिकारी के हवाले से सऊदी प्रशासन की इस हद तक तैयारी की जानकारी दी है।
निमो सिटी को बनाने में पश्चिमी देशों की दर्जनों कंपनियां लगी हैं। कर्नल राबिल अलेनेजी ने बताया कि इस इलाके में एक कबीले के लोग विरोध कर रहे हैं। अब उनसे जमीन खाली करवाने के लिए सख्ती दिखाई जाएगी। हाल ही में इनमें से एक व्यक्ति को गोली भी मार दी गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। सऊदी प्रशासन ने फिलहाल इस रिपोर्ट पर कुछ नहीं कहा है। यह प्रोजेक्ट क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन का हिस्सा है, जो सऊदी अरब के सबसे ताकतवर शख्स हैं और किंग सलमान के बेटे हैं।
2030 बन जाएगा इस आधुनिक शहर का पहला हिस्सा
इस शहर का करीब ढाई किलोमीटर का हिस्सा 2030 तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। अब तक मिली जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट के लिए करीब 6000 लोगों का विस्थापन हो चुका है। यहां तक कि कई गांवों को तो पूरी तरह हटा दिया गया है। सैटेलाइट इमेज में दिखता है कि कैसे कुछ महीनों पहले तक जो गांव आबाद थे, वे सपाट हो चुके हैं। अस्पताल, स्कूल और कम्युनिटी हॉल तक खत्म कर दिए गए हैं। सरकारी आदेश पर जिन गांवों को हटाया गया है, उनमें हुवैतैत जनजाति के लोग रहते हैं।