नई दिल्ली
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की केरल इकाई ने दावा किया है कि देश भर में विभिन्न रेल मार्गों पर चलने वाली 50 फीसदी से ज्यादा वंदे भारत ट्रेनें खाली चल रही हैं। सोशल मीडिया पर एक के बाद एक ट्वीट में कांग्रेस ने दावा किया है कि बहुत ज्यादा किराया होने की वजह से 50 फीसदी वंदे भारत ट्रेनें या तो खाली चल रही हैं या आंशिक रूप से भरी हैं। इसके समर्थन में कांग्रेस ने IRCTC बुकिंग डेटा के एक विश्लेषण का भी हवाला दिया है।
केरल कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, "हमने 'वंदे भारत' के तिलिस्म को तोड़ने का फैसला किया है। IRCTC बुकिंग डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि वंदे भारत की 50% से ज्यादा ट्रेनें या तो खाली या आंशिक रूप से भरी हुई चल रही हैं। ट्रेनों के रवाना होने से कुछ घंटे पहले IRCTC से जुटाया गया यह डेटा केवल सामान्य श्रेणी के सीटों की उपलब्धता पर आधारित है। इसमें तत्काल बुकिंग को शामिल नहीं किया गया है। छुट्टियों के मौसम और देश भर में परिवारों की यात्रा में बढ़ोत्तरी के बावजूद वंदे भारत में आश्चर्यजनक रूप से सीटें खाली हैं।"
कांग्रेस ने लिखा है, "वंदे भारत की स्थिति का यह डेटा आर्थिक असमानताओं के बारे में एक चिंताजनक प्रवृत्ति की ओर इशारा करता है। आर्थिक रूप से संपन्न इलाकों में वंदे भारत में सीटें खाली नहीं हैं। यानी जहां के लोग आर्थिक रूप से अपेक्षाकृत संपन्न हैं, वहां वंदे भारत का किराया वहन करने में वे सक्षम नजर आ रहे हैं लेकिन आर्थिक रूप से वंचित क्षेत्र इन महंगी सेवाओं तक पहुँचने के लिए संघर्ष कर रहा है।"
पार्टी ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें दूसरी अन्य ट्रेनों में टिकट उपलब्ध नहीं है और वहां वेटिंग लिस्ट शो कर रहा है, जबकि उसी रूट पर उसी तारीख में वंदे भारत में सीटें उपलब्ध हैं। साफ है कि अधिक किराया होने की वजह से लोग वंदे भारत में टिकट न कटवाकर अन्य ट्रेनों में वेटिंग टिकट लेने को मजबूर हैं। कांग्रेस के वीडियो में दिखाया गया है कि मुंबई-सोलापुर वंदे भारत में 277 सीट उपलब्ध है लेकिन उसी रूट की अन्य ट्रेनों में उसी दिन वेटिंग लिस्ट में उपलब्धता है।
लोकसभा चुनावों के बीच पार्टी ने ऐसी स्थिति सोशल मीडिया पर उजागर कर भाजपा को घेरने की कोशिश की है कि उसे अमीरों की चिंता है, गरीबों की नहीं। कांग्रेस ने कुछ ट्रेनों के किराए का भी जिक्र किया है। पार्टी के मुताबिक गरीब रथ समान दूरी और समान श्रेणी के लिए 770 रुपये किराया ले रही है जबकि वंदे भारत उसी के लिए 1720 रुपये वसूल रही है।
पार्टी ने एक अन्य ट्वीट में ट्रेनों में खचाखच भीड़ का एक वीडियो भी शेयर किया है और पूछा है कि सरकार ने आम आदमी की बेहतरी के लिए क्या म उठाए हैं, जब लोग इस तरह यात्रा करने पर मजबूर हैं। बता दें कि चुनावों का ऐलान होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ताबड़तोड़ वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत की है। तब इसे मील का पत्थर माना गया था और भाजपा के लिए वोट जुगाड़ करने का साधन माना गया था।