वॉशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अगले महीने खत्म हो रहे अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में यूक्रेन को 725 मिलियन डॉलर यानी करीब 6139 करोड़ रुपए की बड़ी सैन्य मदद देने जा रहे हैं। इसका उद्देश्य युद्ध के मैदान में न केवल रूस का मुकाबला करना है बल्कि कीव को रणक्षेत्र में आगे बढ़ाना है। इस सहायता पैकेज के साथ अमेरिका यूक्रेन को कई किस्म के हथियार भी उपलब्ध करा रहा है, जिसमें कई ड्रोन रोधी सिस्टम, हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) और एंटी पर्सनल लैंड माइंस भी शामिल है।
राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा HIMARS जैसे घातक हथियार सौंपने के बाद चर्चा का बाजार गर्म है और आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) को लेकर कई किस्म की अटकलें लगाई जा रही है, जिसकी लंबी दूरी की मारक क्षमता है। यूक्रेन लंबे समय से इसका इस्तेमाल रूस के खिलाफ 186 मील अंदर तक करना चाह रहा है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यूक्रेन को भेजे जा रहे इस सैन्य खेप में ATACMS को शामिल किया जा रहा है या नहीं।
बड़ी बात ये है कि अमेरिका इस नए खेप में यूक्रेन को एंटीपर्सनल लैंड माइंस देने जा रहा है, जिसका कई मानवाधिकार संगठनों ने आलोचना की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बाइडेन प्रशासन के इस कदम को विनाशकारी करार दिया है और कहा है कि इसके इस्तेमाल से नागरिक आबादी को लंबे समय तक खतरा हो सकता है। बता दें कि एंटी-पर्सनल माइन या एंटी-पर्सनल लैंडमाइन (APL) एक प्रकार की बारूदी सुरंग है, जिसे मनुष्यों के खिलाफ उपयोग के लिए डिजायन किया गया है, जबकि एंटी-टैंक माइन्स का टारगेट वाहन होते हैं।
उधर, अमेरिकी सरकार ने इसे यूक्रेन के लिए तत्काल जरूरी बताया है और कहा है कि यह स्थाई नहीं है। अमेरिका का तर्क है कि इससे नागरिकों को अप्रत्याशित नुकसान से बचाने के उपाय किए गए हैं। अमेरिका का कहना है कि इसका डिजायन ऐसा है कि ये लैंड माइन्स एक निश्चित समयावधि के बाद निष्क्रिय हो जाते हैं। पिछले करीब तीन साल से यूक्रेन और रूस 620 मील लंबी सीमा रेखा पर युद्ध लड़ रहे हैं, इसलिए यूक्रेन को भौगोलिक इलाकों में रूसी सैनिकों की बढ़त को रोकने के लिए इस एंटी पर्सनल लैंड माइन्स को तुरूप का पत्ता समझा जा रहा है।