मुंबई
महाराष्ट्र के नए सीएम बने देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि वह धैर्य से फैसले लेने वाले नेता हैं और अकसर सोच-समझकर ही कोई निर्णय लेते हैं। इसके अलावा उन्होंने लड़की बहिन योजना शुरू करने का क्रेडिट भी एकनाथ शिंदे को दिया। हालांकि होम मिनिस्ट्री की डिमांड कर रहे एकनाथ शिंदे की उन्होंने इशारों में ही चिंता भी बढ़ा दी। शपथ लेने के बाद दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय तो हमेशा ही हमारे पास रहा है। इस तरह देवेंद्र फडणवीस ने यह संकेत भी एकनाथ शिंदे को दे दिया कि भाजपा होम मिनिस्ट्री पर अपना दावा नहीं छोड़ेगी। बता दें कि एकनाथ शिंदे अब भी होम मिनिस्ट्री के लिए लॉबिंग में जुटे हैं।
उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह के बाद भी अमित शाह से मुलाकात की थी। कहा जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने मंत्रालयों के बंटवारे में शिवसेना को महत्व देने की मांग की थी। ऐसे में फडणवीस की यह टिप्पणी अहम है कि गृह मंत्रालय हमेशा से भाजपा के पास ही रहा है। वह खुद एकनाथ शिंदे की सरकार में डिप्टी सीएम रहते हुए होम मिनिस्ट्री संभाल रहे थे। अब एकनाथ शिंदे का कहना है कि उसी फॉर्मूले के तहत यदि अब वह डिप्टी सीएम बन रहे हैं तो फिर होम मिनिस्ट्री उन्हें दे दी जाए।
इसके साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रालयों के बंटवारे की भी आखिरी तारीख बता दी है। उन्होंने कहा कि 16 दिसंबर तक मंत्रालयों का बंटवारा कर लिया जाएगा। फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे, अजित पवार के साथ मिलकर हम लोग काफी चीजें तय कर चुके हैं। कोई मतभेद नहीं है और जल्दी ही फैसला ले लिया जाएगा। यही नहीं उन्होंने बीते ढाई साल चली सरकार के मंत्रियों को रिपीट करने के सवाल पर कहा कि पहले मूल्यांकन किया जाएगा। हम मूल्यांकन करने के बाद ही मंत्रियों को लेकर फैसला लेंगे। देवेंद्र फडणवीस ने दिए इंटरव्यू में अजित पवार की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि पश्चिम महाराष्ट्र ने साबित किया है कि वह शरद पवार की बजाय अजित पवार के साथ हैं।
ईवीएम में गड़बड़ी के सवालों और कांग्रेस की ओर से यात्रा निकालने पर भी फडणवीस ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि ये लोग झारखंड और लोकसभा इलेक्शन में जीतते हैं तो ऐसा नहीं कहते, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा सवाल उठा रहे हैं। ऐसा तो नहीं चलेगा कि हारने पर सवाल उठाएं और जीतने पर चुप्पी साध लें। वहीं ब्राह्मण होते हुए भी सीएम बनाए जाने के सवाल पर फडणवीस ने कहा कि जनता जाति की बात नहीं करती। यह तो नेताओं के दिमाग की उपज है। उन्होंने कहा कि हमें तो मराठा और ओबीसी सभी ने समर्थन दिया है। जाति की राजनीति लोग तभी शुरू करते हैं, जब कुछ और सफल नहीं होता।