नई दिल्ली.
संसद के अंदर और बाहर अदाणी मुद्दे और जॉर्ज सोरोस के साथ कांग्रेस पार्टी के रिश्तों पर लगातार हंगामा जारी है। जहां सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी सांसदों ने अदाणी मामले को लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। वहीं भारत के खिलाफ भ्रामक प्रचार करने वाले जॉर्ज सोरोस के साथ कांग्रेस पार्टी के रिश्तों को लेकर भाजपा लगातार हमलवार है।
इस बीच, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस मुद्दे को लेकर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश के सामने कुछ मुद्दे हैं, जिन्हें राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं से भारत विरोधी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आग्रह किया।
'हमें मामले को गंभीरता से लेना चाहिए'
किरेन रिजिजू ने कहा, 'मुझे लगता है कि देश के सामने कुछ मुद्दे हैं, जिन्हें राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। जॉर्ज सोरोस और उनके संबंध जो सामने आए हैं, हम इसे कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी से संबंधित मुद्दे के रूप में नहीं देखते हैं। हमें इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए खासकर अगर यह भारत विरोधी ताकतों से संबंधित है।'
इस दिन होगी सदन में चर्चा
उन्होंने कहा, 'हम इसे पार्टी की राजनीति के रूप में नहीं देखते हैं। हमने कांग्रेस और अन्य दलों से कहा है कि हम 13 और 14 दिसंबर (लोकसभा में) और 16 और 17 दिसंबर (राज्यसभा में) को संविधान पर चर्चा करेंगे। मैं कांग्रेस पार्टी के नेताओं और उसके कार्यकर्ताओं से अपील करना चाहता हूं कि अगर उनके नेताओं के भी भारत विरोधी ताकतों से संबंध पाए जाते हैं, तो उन्हें भी अपनी आवाज उठानी चाहिए। हमें एकजुट होकर भारत विरोधी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए।'
सार्वजनिक हुई रिपोर्ट में आरोप गंभीर
उन्होंने यह भी कहा कि सोनिया गांधी और जॉर्ज सोरोस के बीच सांठगांठ की जो बातें उजागर हुई है वो गंभीर हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'जॉर्ज सोरोस मामले के बारे में जो रिपोर्ट सार्वजनिक तौर पर सामने आई हैं, उनमें आरोप गंभीर हैं। चाहे वह संसद का सदस्य हो या आम आदमी, सभी को देश के लिए काम करना चाहिए। हम एकजुट होने और भारत विरोधी ताकतों के खिलाफ लड़ने की अपील करते हैं।'
विपक्षी गठबंधन के दलों ने उठाए राहुल के नेतृत्व पर सवाल
इंडिया ब्लॉक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'कांग्रेस और इंडिया गठबंधन में जो कुछ चल रहा है, हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहते और न ही हमारा ऐसा कोई इरादा है। हालांकि, मैंने सुना है कि विपक्षी गठबंधन के भीतर के दलों ने राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए हैं।'