लखनऊ.
कृषिका का आयोजन सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सुबह 10 बजे से हो रहा है। कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस मौके पर सीएम ने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान भारत की रीढ़ है। सरकार किसानों की आय बढ़ाने में लगातार प्रयासरत है।
विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने किसानों को सम्मानित किया। इनमें से किसी ने आलू उत्पादन में तो किसी ने शिमला मिर्च की खेती करके रिकॉर्ड बनाया।
0- आलोक कुमार, रायबरेली- आलू उत्पादन का रिकार्ड बनाया है।
0- राजकुमार, मलिहाबाद- लखनऊ- कद्दू, परवल, लौकी का रिकॉर्ड उत्पादन, मचान विधि से सर्वाधिक उत्पादन हासिल किया।
0- दिनेश कुमार, सरसौंदी देवी, बाराबंकी – बिना कीटनाशक के जैविक खेती, ब्रौकली की उन्नत खेती से सर्वाधिक उत्पादन।
0- कमला त्रिपाठी महोबा, गौ आधारित प्राकृतिक खेती।
0- मालती देवी गोरखपुर, गवरजीत आम लीची की खेती।
0- वीरसिंह राजपूत झांसी, प्राकृतिक खेती को बढावा।
0- कैप्टन देशवाल बुलन्दशहर, गाजर उत्पादन, प्रसंस्करण एवं निर्यात।
0- कमलेश मिश्रा देवरिया, पाली हाउस से सब्जी की खेती ।
0- प्रमोद वर्मा, बाराबंकी स्ट्राबेरी टमाटर, शिमला मिर्च
0- सुरेश कुमार लखनऊ, कृषि विविधीकरण।
0- वीरेंद्र कुमार, रायबरेली, सीमैप – सतावर और तुलसी की खेती
0- हरख चंद्र वर्मा, सीतापुर- सीमैप के साथ खस का सर्वाधिक उत्पादन
0- दिनेश चंद्र वर्मा, बाराबंकी सीमैप मेंथा
0- पद्म श्री भारत भूषण त्यागी बुलन्दशहर, जैविक खेती।
0- उदय प्रताप सिंह- बीकेटी लखनऊ- जरबेरा फूल-
0- दयाशंकर सिंह लखनऊ दशहरी आम (इंग्लैंड व अमेरिका निर्यात)
0- आुशतोष कुमार, ,लखनऊ गोसाईंगंज: मधुमक्खी पालन।
0- लल्लू सिंह, लखनऊ गोसाईंगंज: डेयरी उत्पादन।
0- सुरेश कुमार, लखनऊ सरोजनीनगर: अमरूद की खेती।
0- दुर्गेश कुमार यादव, लखनऊ सरोजनीनगर: सब्जियों की खेती।
डॉक्यूमेंट्री से दी गई जानकारी
कार्यक्रम में एक डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई। इसके माध्यम से सहफसली खेती, पशु चारा उत्पादन और दुग्ध उत्पादन से लेकर कई अन्य विभिन्न प्रकार की जानकारियां साझा की गईं।
एप के माध्यम से ले सकते हैं खेती की जानकारी
किसान एप के माध्यम से भी खेती के बारे में विभन्न प्रकार की जानकारी ले सकते हैं। इसके बारे में भी उन्हें जानकारी दी गई। इसी दिशा पर 'किसान निन्जा' एप भी काम कर रहा है।