नई दिल्ली
टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। सीरीज के दो मुकाबले खेले जा चुके हैं और इस समय सीरीज 1-1 की बराबरी पर खड़ी है। ये सीरीज जितनी दोनों टीमों के लिए अहम है, उतनी ही अहम भारत के तीन सीनियर खिलाड़ियों के लिए है। ये कोई और नहीं, बल्कि कप्तान रोहित शर्मा, बल्लेबाज विराट कोहली और स्पिनर रविचंद्रन अश्विन हैं। अगर सीरीज के बाकी तीन मैच इन खिलाड़ियों के लिए और टीम इंडिया के लिए अच्छे नहीं रहते तो फिर इनका आगे खेलना कठिन होने वाला है। इसके पीछे कई कारण हैं। उनके बारे में जान लीजिए।
इन खिलाड़ियों के करियर को सिर्फ एक ही चीज बचा सकती है और वह है कि आप सबसे पहले तो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में दमदार प्रदर्शन करें और टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल का टिकट दिलाएं। यहां तक कि फाइनल भी इस बार जीतें। अगर ये खिलाड़ी ऐसा करने में असफल होते हैं तो फिर इनका इंग्लैंड के दौरे पर खेली जाने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए टीम में चुना जाना संभव नहीं लगता। बीजीटी से पहले इस तरह की रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं कि सीनियर खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं ने अल्टीमेटम दे दिया है। वे इस समय ऑस्ट्रेलिया में हैं। ऐसे में इन तीन खिलाड़ियों के लिए ये सीरीज आखिरी भी साबित हो सकती है।
रोहित शर्मा के पास आखिरी मौका!
रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट की पिछली 12 पारियों पर नजर डालें तो वे एक बार ही अर्धशतक के पार पहुंच हैं। कुल चार पर वे दहाई का आंकड़ा पार कर पाए हैं और 8 बार सिंगल डिजिट स्कोर पर आउट हुए हैं। कप्तान के तौर पर पिछले 4 टेस्ट मैच वे हार गए हैं। ऐसे में अब उन पर एक बल्लेबाज और एक कप्तान के तौर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव है। अगर वे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाकी तीन मैचों में बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते और टीम को भी जीत नहीं मिलती तो फिर उनका अगली सीरीज में खेलना लगभग नामुमकिन हो जाएगा।
विराट कोहली पर भी नजरें
भले ही पर्थ टेस्ट मैच में विराट कोहली ने शानदार शतक जड़ा, लेकिन इसके बाद एडिलेड में उनका बुरा हाल हुआ और पिछले करीब आधा दर्जन मैचों से वे फॉर्म में नहीं थे। ऐसे में आने वाले तीन मैच उनके करियर के सबसे अहम मैच हैं। अगर टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वॉलिफाई नहीं कर पाती है तो विराट कोहली के करियर भी तलवार लटक सकती है। पर्थ के शतक को छोड़ दें तो पिछली 16 टेस्ट पारियों में विराट ने सिर्फ एक अर्धशतक जड़ा था। अगर यही हाल बाकी के तीन मैचों में रहता है तो फिर उनको भी ड्रॉप किया जा सकता है।
अश्विन की फिरकी फीकी
आर अश्विन भारत के सबसे सफल स्पिनरों में शामिल हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनका करियर भी खत्म सा होता जा रहा है। वे प्रमुख स्पिनर के तौर पर खेल रहे हैं, लेकिन अब अंदर-बाहर भी हो रहे हैं। पिंक बॉल टेस्ट मैच में उनको मौका मिला, लेकिन वे बल्ले और गेंद से प्रभाव नहीं छोड़ पाए। बतौर बल्लेबाज पिछली 9 पारियों में अश्विन के 81 रन हैं, जबकि बतौर गेंदबाज वे 9 पारियों में 15 विकेट निकाल पाए हैं। अश्विन इस समय 38 साल के हैं और उनका ये आखिरी ऑस्ट्रेलिया दौरा है। अगर वे अगले तीन मैच खेलते भी हैं और अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते तो ये आखिरी सीरीज भी उनके करियर की हो सकती है।