Close Menu
New Agenda
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    NEW AGENDA
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • लाइफ स्टाइल
    NEW AGENDA
    Home»व्यापार»भारत में इस्तेमाल होने वाला 66% एलपीजी अरब, यूएई और कतर से आता से आता, युद्ध जारी रहा तो चूल्हे हो सकते ठंडे
    व्यापार

    भारत में इस्तेमाल होने वाला 66% एलपीजी अरब, यूएई और कतर से आता से आता, युद्ध जारी रहा तो चूल्हे हो सकते ठंडे

    AdminBy AdminJune 24, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    भारत में इस्तेमाल होने वाला 66% एलपीजी अरब, यूएई और कतर से आता से आता, युद्ध जारी रहा तो चूल्हे  हो सकते ठंडे
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    नई दिल्ली
    इजरायल-ईरान युद्ध के बीच कहा जा रहा है कि भारतीयों के में घरों में चूल्हा ठंडा हो सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि भारत में खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कुल लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस या LPG में से लगभग दो-तिहाई पश्चिम एशिया से आता है। इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि अगर क्षेत्रीय तनाव के कारण सप्लाई में रुकावट आती है, तो सबसे पहले आम आदमी प्रभावित होंगे। यह राजनीतिक रूप से भी बहुत संवेदनशील मामला है।
    सप्लाई बाधित होने की आशंका

    ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमरीकी हमलों ने दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक क्षेत्र से सप्लाई बाधित होने की आशंका बढ़ा दी है। ऐसी स्थिति से निपटने की योजना बनाते समय, भारतीय नीति निर्माताओं और इंडस्ट्री के लीडर्स ने यह माना है कि सभी ईंधन एक जैसे खतरे वाले नहीं हैं। अगर पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ता है तो LPG सबसे ज्यादा खतरे में है।

    10 सालों में दोगुना

    इस समय एलीपीजी के घरेलू कनेक्शन ही देखें तो 33 करोड़ से ज्यादा हैं। पिछले 10 सालों में, भारत में LPG का इस्तेमाल दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। सरकार द्वारा इसे बढ़ावा भी खूब दिया जा रहा है। अपने यहां इसका पर्याप्त उत्पादन हो नहीं पाता है। इससे देश की आयात पर निर्भरता बढ़ गई है। भारत में लगभग 66% LPG विदेशों से आता है, और उसमें से लगभग 95% पश्चिम एशिया से आता है, जिसमें मुख्य रूप से सऊदी अरब, UAE और कतर शामिल हैं।

    केवल 16 दिन का ही स्टॉक

    पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में आयात टर्मिनलों, रिफाइनरियों और बॉटलिंग प्लांट्स में LPG का इतना स्टोरेज है कि वह राष्ट्रीय औसत खपत को केवल लगभग 16 दिनों तक ही कवर कर सकता है। मतलब कि यदि एक पखवाड़े भी यदि युद्ध और खिंच जाता है तो भारतीयों के चूल्हे ठंडे होने से कोई रोक नहीं सकता है।

    रिफाइनरियों से कोई पैनिक बाइंग नहीं

    हालांकि, पेट्रोल और डीजल के मामले में देश की स्थिति काफी बेहतर है। भारत पेट्रोल और डीजल दोनों का नेट एक्सपोर्टर है। यह अपनी घरेलू पेट्रोल खपत का लगभग 40% और अपनी डीजल खपत का लगभग 30% एक्सपोर्ट करता है। इसलिए जरूरत पड़ने पर एक्सपोर्ट की मात्रा को घरेलू बाजार में भेजना आसान है। LPG को अमेरिका, यूरोप, मलेशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों जैसे विकल्पों से भी प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन इन आपूर्तिकर्ताओं से शिपमेंट आने में अधिक समय लगेगा।

    पाइपाइन की पहुंच कितने घरों तक

    इस बीच, भारत में केवल 1.5 करोड़ घरों में ही पाइपलाइन से प्राकृतिक गैस (PNG) उपलब्ध है। इसलिए यह देश के 33 करोड़ LPG कनेक्शनों के लिए एक व्यावहारिक विकल्प नहीं है। ज्यादातर जगहों पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली से केरोसिन की सप्लाई बंद होने के बाद, शहरों में LPG की कमी होने पर इलेक्ट्रिक कुकिंग ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प बचा है।

    क्रूड ऑयल का भंडार कितने दिनों का

    क्रूड ऑयल या कच्चे तेल के लिए, रिफाइनरियों, पाइपलाइनों, जहाजों और राष्ट्रीय रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) में इन्वेंट्री लगभग 25 दिनों तक रिफाइनरी संचालन को बनाए रख सकती है। इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच रिफाइनरियों ने पैनिक बाइंग से परहेज किया है, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि सप्लाई बाधित होने की संभावना नहीं है।

    सतर्क रहना होगा

     "अगर हम अभी ऑर्डर देते हैं, तो डिलीवरी अगले महीने या उसके बाद तक नहीं आएगी।' इसके अलावा, हमारे पास अतिरिक्त बैरल स्टोर करने की सीमित क्षमता है। जब व्यवधान का जोखिम कम हो तो वर्किंग कैपिटल को बांधने का कोई मतलब नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सतर्क रहें और यह सुनिश्चित करें कि घरेलू उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखा जाए।" एग्जीक्यूटिव्स को यह भी उम्मीद है कि कच्चे तेल की कीमतों में कोई भी उछाल थोड़े समय के लिए ही रहेगा, क्योंकि वैश्विक बाजार की गतिशीलता नरम मूल्य निर्धारण की ओर झुकी हुई है। एक अन्य एग्जीक्यूटिव ने कहा, "'तेल बाजार ने भू-राजनीतिक झटकों के साथ जीना सीख लिया है। यूक्रेन पर आक्रमण या गाजा संघर्ष जैसी घटनाओं के बाद कीमतें तेजी से बढ़ती हैं, लेकिन अंततः आर्थिक वास्तविकताएं हावी होने पर स्थिर हो जाती हैं।" इसका मतलब है कि दुनिया ने मुश्किल हालातों में भी तेल का बाजार चलाना सीख लिया है। कुछ घटनाओं के बाद कीमतें बढ़ती हैं, लेकिन फिर सामान्य हो जाती हैं।

    शेयर करें :-

    • Click to share on Facebook (Opens in new window)
    • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
    • Click to share on X (Opens in new window)
    • Click to share on Telegram (Opens in new window)
    Featured lpg
    Admin

    Related Posts

    मुख्यमंत्री साय से मिला जैन समाज का प्रतिनिधिमंडल, सौजन्य भेंट में रखे समाज के मुद्दे

    July 14, 2025

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्किलिंग, नवकरणीय ऊर्जा, टेक्नोलॉजी व संयुक्त निवेश फोरम की संभावनाओं पर चर्चा

    July 14, 2025

    वेटलैण्ड बचाओ अभियान: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अपील

    July 14, 2025

    मुख्यमंत्री यादव ने दुबई के प्रमुख कपड़ा व्यापारियों से मुलाकात कर उद्योग एवं निवेश से जुड़े अनेक विषयों पर चर्चा की

    July 14, 2025

    नर्मदा नदी को निर्मल बनाये रखने के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध : नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय

    July 14, 2025

    गोविंदपुरा सिविल अस्पताल से 5 लाख से अधिक लोगों को होगा लाभ: राज्यमंत्री श्रीमती गौर

    July 14, 2025
    Add A Comment

    Leave A Reply Cancel Reply

    विज्ञापन
    विज्ञापन
    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    MP Info RSS Feed
    अन्य ख़बरें

    स्मार्ट मीटर से बिल कम करना अपने हाथ में है, गुना के घरेलू स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं ने बताए फायदे

    July 14, 2025

    अमिताभ ने सोशल मीडिया पर शेयर किया ‘धड़क 2’ का ट्रेलर

    July 14, 2025

    मध्यप्रदेश पुलिस का जन-जागरूकता अभियान “नशे से दूरी – है जरूरी”

    July 14, 2025

    मध्यप्रदेश सतत ऊर्जा नवाचार का एक उभरता हुआ केंद्र बनता जा रहा- मुख्यमंत्री डॉ. यादव

    July 14, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक -दीपेन्द्र पाढ़ी
    मोबाइल -9329352235
    ईमेल -newagendaeditor@gmail.com
    मध्य प्रदेश कार्यालय -वार्ड क्रमांक 06, मोहगांव बिरसा, मोहगांव जिला-बालाघाट (म.प्र.)
    छत्तीसगढ़ कार्यालय-D 13, प्रियदर्शनी नगर के पास, पचपेड़ी नाका, रायपुर (छत्तीसगढ़)
    July 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    28293031  
    « Jun    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.