Close Menu
New Agenda
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    Facebook X (Twitter) Instagram
    NEW AGENDA
    • Home
    • देश
    • विदेश
    • राज्य
    • मध्यप्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • राजनीती
    • धर्म
    • अन्य खबरें
      • मनोरंजन
      • खेल
      • तकनीकी
      • व्यापार
      • लाइफ स्टाइल
    NEW AGENDA
    Home»विदेश»अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के दलाई लामा से मिलने पर आखिर क्यों तिलमिलाया चीन?
    विदेश

    अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के दलाई लामा से मिलने पर आखिर क्यों तिलमिलाया चीन?

    By June 20, 2024No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email Telegram Copy Link
    अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के दलाई लामा से मिलने पर आखिर क्यों तिलमिलाया चीन?
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Pinterest Email

    चीन और अमेरिका के रिश्ते सुधरने की बजाय और बिगड़ते दिख रहे हैं। अब ऐसा लग रहा है कि वॉशिंगटन ने एक बार फिर ड्रैगन की दुखती रग पर हाथ रख दिया है। दरअसल, अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को भारत के हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बत के निर्वासित आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात की। मुलाकात से पहले ही बीजिंग ने अमेरिका से दलाई गुट के किसी भी शख्स से मिलने से बचने की चेतावनी दी थी। अब इस मुलाकात के बाद चीन भड़क गया है। आइए जानते हैं कि आखिर अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत में क्यों मौजूद है? दलाई लामा कौन हैं? इस मुलाकात पर इतना विवाद क्यों हो रहा है? क्या है अमेरिका में पास नया विधेयक? द्विदलीय अमेरिकी सांसदों का सात सदस्यीय समूह नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा से मिलने भारत पहुंचा। अमेरिका की हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन माइकल मैक्कॉल के नेतृत्व में सात सदस्यीय दल विशेष विमान से मंगलवार को धर्मशाला के गगल एयरपोर्ट पहुंचा था। शाम को माइकल और अमेरिकी संसद के प्रतिनिधि सदन की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी ने निर्वासित तिब्बत सरकार की संसद को संबोधित किया और तिब्बत की आजादी का समर्थन किया। वहीं इन लोगों ने बुधवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात की और इस दौरान जमकर चीन के खिलाफ बोल बोले। 

    तिब्बत का दोस्त अमेरिका?

    अमेरिका ने लंबे समय से तिब्बती लोगों के अपने धर्म और संस्कृति का पालन करने के अधिकारों का समर्थन किया है और चीन पर भारत की सीमा से लगे सुदूर हिमालयी क्षेत्र तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। बता दें कि अमेरिका ने हाल ही एक ऐसा विधेयक पास किया है, जिससे कि तिब्बत पर चीन के दावे को चुनौती मिलती है। इसके साथ ही इसमें चीन और दलाई लामा के बीच संवाद की बात पर भी जोर दिया गया है। 12 जून को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव से मुहर लगने के बाद इसे सीनेट में हरी झंडी मिल गई। 'प्रमोटिंग ए रेजोल्यूशन टू द तिब्बत चीन डिस्प्यूट एक्ट' के बारे में कहा जा रहा है कि इससे तिब्बत के इतिहास और लोगों के बारे में चीन की ओर से फैलाई जा रही गलत सूचना से लड़ने में मदद मिलेगी। दरअसल, ये विधेयक चीन के इस दावे को खारिज करता है कि तिब्बत हमेशा से उसका हिस्सा रहा है।

    कौन हैं दलाई लामा?

    सन 1935 में ल्हामो थोंडुप के रूप में जन्मे दलाई लामा को दो साल की उम्र से ही अपने पूर्ववर्ती तिब्बती धर्मगुरु का पुनर्जन्म माना गया है। उन्हें सन् 1940 में तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 14वें दलाई लामा के रूप में तिब्बती धर्मगुरु की मान्यता दी गई थी। सन् 1950 में चीन ने तिब्बत पर हमला किया। दलाई लामा सन् 1959 में चीन के खिलाफ एक विद्रोह के असफल होने के बाद भारत आ गए थे। तब से वे हिमाचल प्रदेश के शहर धर्मशाला में निर्वासन में रह रहे हैं। सन् 1989 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। दलाई लामा ने मॉनेस्टिक शिक्षा प्राप्त की है और वह सालों से तिब्बतियों को न्याय दिलाने के लिए संघर्षरत हैं। वह छह महाद्वीपों और 67 से ज्यादा देशों की यात्रा कर चुके हैं। चीन के तिब्बत पर कब्जे के बाद भारत में दलाई लामा को आए हुए 62 साल से ज्यादा हो गए हैं। 

    इस मुलाकात पर विवाद क्यों?

    अमेरिकी सांसदों के भारत आगमन से चीन को ऐसे समय में नाराज हो गया है, जब बीजिंग और वाशिंगटन संबंधों को सुधारने की कवायद चल रही है। जबकि भारत के चीन के साथ पहले से ही संबंध तनावपूर्ण हैं, क्योंकि सन 2020 में चीन सीमा पर सैन्य गतिरोध के चलते भारत के 24 सैनिक मारे गए थे। अमेरिका ने भले ही रिजॉल्व तिब्बत एक्ट पास कर लिया है, लेकिन वाशिंगटन तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र को चीन का हिस्सा मानता है। चीन दलाई लामा पर अलगाववादी होने का आरोप लगाता है। हालांकि दलाई लामा का कहना है कि वे अपनी सुदूर हिमालयी मातृभूमि के लिए वास्तविक स्वायत्तता चाहते हैं। सबसे विवादास्पद मुद्दा दलाई लामा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति का है। चीन का कहना है कि तिब्बत पर अपना नियंत्रण मजबूत करने के लिए उसे उत्तराधिकारी को मंजूरी देने का अधिकार है, जबकि दलाई लामा का कहना है कि केवल तिब्बती लोग ही यह फैसला ले सकते हैं तथा उनका उत्तराधिकारी भारत में मिल सकता है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और विधेयक के एक लेखक माइकल मैककॉल ने शुक्रवार को वाशिंगटन से रवाना होने से पहले कहा था, 'इस यात्रा से तिब्बत को अपने भविष्य में अपनी बात रखने के लिए अमेरिका के सदन में द्विदलीय समर्थन को रेखांकित किया जाना चाहिए।'

    आखिर चीन क्यों नाराज?

    चीन इस यात्रा और विधेयक से बेहद नाराज है। यात्रा से पहले चीन ने कहा था कि दलाई लामा एक अलगाववादी हैं और अमेरिकी सांसदों को उनसे कोई भी संपर्क नहीं रखना चाहिए। मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन चियान ने कहा था कि अमेरिका को तिब्बत की आजादी का समर्थन नहीं करना चाहिए और व्हाइट हाउस को इस विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि अगर ऐसा किया गया तो चीन दृढ कदम उठाएगा। उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया था कि वह किस तरह के कदमों की बात कर रहे हैं। लिन ने आगे कहा था कि यह सभी जानते हैं कि 14वें दलाई लामा पूरी तरह से धार्मिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि एक राजनीतिक रूप से निर्वासित व्यक्ति हैं जो धर्म की आड़ में चीन-विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में संलिप्त हैं। भारत में स्थित चीनी दूतावास ने इस मुद्दे पर कहा कि हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह दलाई लामा समूह की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति को पूरी तरह पहचाने। शिजांग यानी तिब्बत से जुड़े मुद्दों पर अमेरिका की चीन से की गई प्रतिबद्धताओं का सम्मान करे और दुनिया को गलत संकेत भेजना बंद करे। चीन की धमकी के बाद अमेरिका के व्हाइट हाउस की तरफ से बयान आया है कि अमेरिका वही करेगा जो उसके हित में है। 

    शेयर करें :-

    • Click to share on Facebook (Opens in new window)
    • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
    • Click to share on X (Opens in new window)
    • Click to share on Telegram (Opens in new window)

    Related Posts

    यूक्रेन से रूस की जंग का पुतिन का फैसला क्या सही था! अबतक गवाएं 10 लाख सैनिक हासिल क्या हुआ ………

    June 24, 2025

    इजरायली मिसाइल के घातक हमलों से दहल रहे ईरान के शहर, सैकड़ों की मौत

    June 23, 2025

    बांग्लादेश में पूर्व चुनाव मुख्य आयुक्त नुरूल हुदा पर भीड़ ने हमला कर, जूतों से पीटा

    June 23, 2025

    ईरान ने ट्रंप को संदेश भेजा की अब अमेरिका में अपने स्लीपर सेल सक्रिय करेगा

    June 23, 2025

    राष्ट्रपति ट्रंप का नोबेल पीस प्राइज का नॉमिनेशन वापस लो…,’ PAK में आसिम मुनीर पर भड़कीं विपक्षी पार्टियां

    June 23, 2025

    सीरिया के दमिश्क में आतंकवादी हमला, 20 लोगों की मौत, कई घायल

    June 23, 2025
    Add A Comment

    Leave A Reply Cancel Reply

    विज्ञापन
    विज्ञापन
    हमसे जुड़ें
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo
    MP Info RSS Feed
    अन्य ख़बरें

    कैप्टन शुभांशु अब बुधवार के दिन भरेंगे अंतरिक्ष की उड़ान, AXIOM-4 मिशन की नई तारीख का हो गया ऐलान

    June 24, 2025

    महिला का आरोप आरोपी ने अपनी पत्नी के सामने किया मेरा रेप, 24 लाख रुपये और 25 तोला सोना भी ऐंठ लिया

    June 24, 2025

    जब मार्च, 2026 में देश नक्सलवाद से मुक्त होगा, वो क्षण आजादी के बाद के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक होगा: मंत्री अमित शाह

    June 24, 2025

    ‘दिलीप दोशी मुझे नेट में गेंदबाजी की थी…’, उन के निधन पर सचिन का भावुक पोस्ट; सदमे में खेल जगत

    June 24, 2025
    हमारे बारे में

    यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

    Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

    हमसे सम्पर्क करें
    संपादक -दीपेन्द्र पाढ़ी
    मोबाइल -9329352235
    ईमेल -newagendaeditor@gmail.com
    मध्य प्रदेश कार्यालय -वार्ड क्रमांक 06, मोहगांव बिरसा, मोहगांव जिला-बालाघाट (म.प्र.)
    छत्तीसगढ़ कार्यालय-D 13, प्रियदर्शनी नगर के पास, पचपेड़ी नाका, रायपुर (छत्तीसगढ़)
    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    « May    
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • MP Info RSS Feed
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.